Friday, May 23, 2014

प्राणायाम परिचय

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प्राणायाम परिचय



सिद्ध योगियों व पतंज्जलि आदि ऋषि-मुनियों द्वारा प्रतिपादित प्राणायाम एक पूर्ण वैज्ञानिक पद्धति है, जिससे असाध्य रोगों से मुक्ति के साथ मन की शांति व समाधि की प्राप्ति भी होती है। आज योग के नाम पर कुछ तथाकथित योगी व्यक्ति समाज के लिए अष्टांग योग की अतिमहत्ता एवं उपयोगिता को भुलाकर मात्र आसनों का ही अधिक प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। इससे समाज में योग के नाम पर भ्रम व्याप्त होता जा रहा है। इसके लिए महर्षि पतंज्जलि प्रतिपादित अष्टांग योग को प्रचारित करना बहुत आवश्यक है, अन्यथा योग जैसा गरिमामय अति उदात्त शब्द भी संकीर्ण-सा होकर रह जायेगा।

लाखों व्यक्तियों पर प्रयोगात्मक अनुभवों के आधार पर मेरा मानना है कि प्राणायाम का आरोग्य एवं आध्यात्मिक दोनों ही दृष्टियों से विशेष महत्व है। रोगोपचार की दृष्टि से भी हड्डी के रोगों को छोड़कर शेष सभी व्याधियाँ आसनों से नहीं, अपितु प्राणायाम से ही दूर हो सकती हैं। हृदयरोग, अस्थमा, रन्नायुरोग, वातरोग, मधुमेह आदि जटिल रोगों की प्राणायाम के बिना निवृत्ति नहीं हो सकती तथा आसन भी तभी पूर्ण लाभदायक होते हैं, जब प्राणायामपूर्वक किये जाते हैं।

प्राणायाम बालक से लेकर वृद्ध पर्यन्त सभी सहजता से कर सकते है।


- स्वामी रामदेव जी 


स्रोत:
प्राणायाम रहस्य - स्वामी रामदेव जी 

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1 comment:

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