Saturday, July 26, 2014

शुद्ध या अशुद्ध शहद की पहचान

शुद्ध या अशुद्ध शहद की पहचान


असली मधु वही है, जो शीशी से प्लेट में टपकाने पर सांप की कुंडली जैसा गिरता हो। नकली मधु प्लेट में गिरते ही फैल जाता है।

किसी लकड़ी पर एक बूंद शहद टपकाकर उसे माचिस की तीली जलाकर दिखाने पर वह जलने लगे तो उसे असली शहद समझें।

असली मधु पारदर्शी होता है। कुत्ता उसे चाटता नहीं है, असली मधु में सुगंध होता है। गर्मी पाकर वह पिघल जाता है और ठंडक पाकर जम जाता है। नया शहद कफनाशक और दस्तावर होता है। एक से दो वर्ष पुराना शहद चर्बी कम करता है और पाचक होता है।

प्रायः ऐसा मानते हैं कि शुद्ध शहद सर्दी में भी नहीं जमता है, परन्तु शहद का जमना या नहीं जमना शुद्धता की पहचान नहीं है। क्योंकि शुद्ध शहद भी जमता है।